11. जो संसार में आता है उसका कारण और निवारण नियति पहले से तय रखती है।
2. अच्छे विचार
6. वर्तमान के कर्म भविष्य में फलदायी होते हैं, इसलिए कोई ऐसा कार्य मत करना की भविष्य पीड़ादायी हो।
सतविचार -: हमारी दृष्टि ही हमारे मानसिक जगत का सृजन करती है।
जय गुरुदेव नाम प्रभुका || जयगुरुदेव || हमारी अपेक्षाएं, तुलनाएं, वासनाये और पूर्वाग्रह से भरी तृष्णाएं ही हमारी अशांति की जड़ हैं दृष...