5. अच्छे विचार

21. मनुष्य अपने प्रत्येक चयन का परिणाम स्वयं भोगता है।


22. जीवन में कूटनीति नही खेलनी चाहिए। नीति के लिए मार्ग बनाने का प्रयास करना चाहिए और मार्ग में जो बाधाएं आती है उन्हे दूर करने का प्रयास करना चाहिए।


23. शांति किसे नहीं चाहिए, मानव युद्ध भी शांति के लिए ही करता है और संधि भी।


24. गणित भी कितना महान विषय है, ऋण और ऋण मिल जाए तो धन बन जाते हैं, परंतु अंक गणित और जीवन के गणित में बड़ा अंतर है।  बुरे से बुरा मिल जाए तो कभी भी अच्छा सिद्ध नही होता है यदि दो बुरे संधि कर ले तो वो अधिक भयंकर सिद्ध होते हैं।


25. जिसका प्रारंभ होता है उसका अंत निश्चित होता है।


26. जीवन में कुछ उचित, अनुचित नहीं होता है यदि कुछ है तो वो आपके कर्म है।


27. अधिक ज्ञान पीड़ादायी नहीं होता है, अधिक ज्ञान सही निर्णय लेने में सहायता करता है।


28. जहां शब्दों का कोई मोल न हो, जहां शब्दों को केवल सुना जाता हो, समझा नही जाता हो वहां वार्ता नही करनी चाहिए।


29. पीड़ा केवल कष्ट नहीं देती, पीड़ा कभी कभी हमें उचित मार्ग चुनने में हमारी सहायता भी करती है। एक पीड़ा कभी कभी हमारे अन्य कष्टों का निवारण भी करती है।


30. सत्य कल्पना से अधिक सुंदर भी हो सकता है और अधिक कष्टकारी भी।

सतविचार -: हमारी दृष्टि ही हमारे मानसिक जगत का सृजन करती है।

जय गुरुदेव नाम प्रभुका || जयगुरुदेव ||  हमारी अपेक्षाएं, तुलनाएं, वासनाये और पूर्वाग्रह से भरी तृष्णाएं ही हमारी अशांति की जड़ हैं दृष...